आम आदमी की सरकार है आयी
आम आदमी के लिए उपहार लायी,
देश में बेरोजगारी, गरीबी, भूखमरी फैलायी
आम आदमी की सरकार है आयी |
जिस सरकार का चुनावी मुद्दा था आम आदमी
जिसके बल पर उन्होंने सरकार बनायीं,
उसी आम आदमी की आवाज़ दबाने
कितनो पर लाठियाँ बरसायी |
पूँजी तो अपनी रही ही नहीं
अनगिनत तो विदेशों में छुपायी,
भारत निर्माण लक्ष्य शायद ही था
उन्होंने अपनी ज़ेबे खूब कमायी |
आम आदमी तो सोता भूखा
घी लगी रोटियाँ तो सरकार ने खायी,
जल ही से कर रहा बसर
चूल्हा पे क्या रखे, हर चीज़ में मंहगाई |
आम आदमी की सरकार है आयी
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आम आदमी की सरकार है आयी ||
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