Saturday, July 7, 2012

बूंदे


आनंदित पुलकित

हो गया मन,

खिला खिला, नया नया

है ये तन,

चमकती बूंदों के स्पर्श से

भीनी -२ खुशबू

हरा ताज़ा रंग,

कोपले फूटी

और ली नयी साँसे

नव जीवन हो गया आरम्भ।।

2 comments:

thnx for this..