Sunday, June 26, 2011

आम आदमी की सरकार

आम आदमी की सरकार है आयी
     आम आदमी के लिए उपहार लायी,
देश में बेरोजगारी, गरीबी, भूखमरी फैलायी 
    आम आदमी की सरकार है आयी |

जिस सरकार का चुनावी मुद्दा था आम आदमी 
      जिसके बल पर उन्होंने सरकार बनायीं,
उसी आम आदमी की आवाज़ दबाने 
      कितनो पर लाठियाँ बरसायी |

पूँजी तो अपनी रही ही नहीं
      अनगिनत तो विदेशों में छुपायी,
भारत निर्माण लक्ष्य शायद ही था 
      उन्होंने अपनी ज़ेबे खूब कमायी |

आम आदमी तो सोता भूखा
      घी लगी रोटियाँ तो सरकार ने खायी,
जल ही से कर रहा बसर
      चूल्हा पे क्या रखे, हर चीज़ में मंहगाई |

आम आदमी की सरकार है आयी
..
आम आदमी की सरकार है आयी ||

Friday, April 8, 2011

आज़ाद भारत के क्रन्तिकारी

जैसा निर्माण सोचा था ,
वैसा कभी हुआ नहीं .
जैसा सपना देखा था ,
वो तो सच हुआ नहीं |
जिसकी देश की मिसाल सोने की चिड़िया सी थी ,
आज वो भ्रष्ट कीड़ो से भरी हो गयी है |
स्वार्थ लालच  में ऐसे मद गए है कि ,
कि इनकी भारत माँ भी बिकाऊ हो गयी है|
अब सहने वाले ही बनेगे अवतारी ,
आज़ाद भारत को चाहिए कई क्रन्तिकारी ,
सबक सिखाना है इन भ्रष्ट दीमको को
जल के सब मरेंगे 'अन्ना' से दीपकों से |
उज्जवलित ज्वाला को  अतिशय बढाना है ,
प्रण , ले कि स्वं  भी दीपक से ज्वाला बन जाना है |

Saturday, March 26, 2011

मैं और हम ..

यूं तो रोज़ जीता ही हूँ 'मैं' ,
पर अगर 'हम' साथ जीते तो क्या होता !
यूं तो रोज़ मुस्कुराता ही हूँ 'मैं' ,
पर अगर 'हम' साथ हस्ते तो क्या होता !
यूं तो रोज़ गुनगुनाता ही हूँ 'मैं' ,
पर अगर 'हम' साथ गाते तो क्या होता !
क्यों अब 'मैं' से ही काम नहीं चलता ,
अब लगता है की 'मैं' अगर 'हम' होते तो क्या होता !
यूं तो सुख दुःख अकेले ही थे मेरे ,
पर अगर 'हम' बाँट लेते तो क्या होता !
समय की धारा में कश्ती चला रहा हूँ 'मैं' ,
पर अगर 'हम' साथ होते तो क्या होता !
पर भूल गया हूँ
कि,
'हम' बनाने के लिए 'तुम' भी तो कहीं होगे,
अगर 'तुम' कहीं मिल जाते तो क्या होता . 

Saturday, January 8, 2011

कुछ तो बदल गया हूँ मैं

पहले जैसे था , अब वैसा नहीं रहा हूँ मैं !
जब से आये हो तुम सामने
तब से,
कुछ तो बदल गया हूँ मैं |
आज क्या पहनू की तुम देखो,
आज क्या कहूं की तुम सुनो,
इस कशमोकश में उलझ सा गया हूँ मैं
शायद,
कुछ तो बदल गया हूँ मैं |
जो तुम ना बोलो तो सन्नाटा सा रहता है
कुछ भी बोल दो तो संगीत सा छा जाता है,
तुम्हारे इसी अदा में खो सा गया हूँ मैं,
जो भी हैं,
कुछ तो बदल गया हूँ मैं..