Wednesday, August 15, 2012

आज की आज़ादी

शायद आज़ादी का सही मतलब आज भी पता चल नहीं पाया हैं

आज़ाद मैदान में अमर जवान का अपमान करना,
शायद यही आज़ादी हैं !!

कुछ बंगलादेशी हमारे ही असम में दंगे करते हैं,
शायद यही आज़ादी हैं !!

यहाँ कभी भी अपना तिरंगा, पडोसी मुल्क का झंडे सा हो जाता हैं,
शायद यही आज़ादी हैं !!

यहाँ भ्रष्ट आरोपी की कभी भी पदोनात्ति हो जाती हैं,
शायद यही आज़ादी हैं !!

अगर वास्तव में यही आजादी हैं, तो शायद गुलाम रहने में ही भलाई हैं।