Saturday, January 8, 2011

कुछ तो बदल गया हूँ मैं

पहले जैसे था , अब वैसा नहीं रहा हूँ मैं !
जब से आये हो तुम सामने
तब से,
कुछ तो बदल गया हूँ मैं |
आज क्या पहनू की तुम देखो,
आज क्या कहूं की तुम सुनो,
इस कशमोकश में उलझ सा गया हूँ मैं
शायद,
कुछ तो बदल गया हूँ मैं |
जो तुम ना बोलो तो सन्नाटा सा रहता है
कुछ भी बोल दो तो संगीत सा छा जाता है,
तुम्हारे इसी अदा में खो सा गया हूँ मैं,
जो भी हैं,
कुछ तो बदल गया हूँ मैं..

1 comment:

thnx for this..