Wednesday, October 31, 2012

क्यों हो मौन ..!


एक शब्द , दो शब्द , हजार शब्द
उलझ -2 कर गुथ गए हैं,
फंसे हुए है,
जाले जैसे

यादें पहले रंगीन थी
भूल -2 कर श्याम हो गयी,
धुंधली सी,
धुंद जैसे

एक प्रश्न , कई उत्तर
एक प्रश्न , कोई उत्तर नहीं,
 इतना कठिन है,
पहेली जैसे

पूछ -2 कर थका हूँ
चीखो, कहो, कुछ तो बोलो,
क्यों हो इतने
मौन जैसे।

1 comment:

thnx for this..