हैं कुछ ऐसे अमीर जिन्हें
कितना भी मिले कम है,
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए,
रुपयों की चर्बी चढ़ गयी है
फिर भी आँखें नम है
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए,
दाने को तरस रहा है गरीब
पर इन्हें अगर मिले दो चम्मच भी कम,
इसका भी इन्हें गम है
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए,
दुःख तो तब होता जब
देश ही होता है इनका निशाना
खोखला कर दिया पर आँखों में नहीं शर्म है
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए
कितना भी मिले कम है,
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए,
रुपयों की चर्बी चढ़ गयी है
फिर भी आँखें नम है
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए,
दाने को तरस रहा है गरीब
पर इन्हें अगर मिले दो चम्मच भी कम,
इसका भी इन्हें गम है
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए,
दुःख तो तब होता जब
देश ही होता है इनका निशाना
खोखला कर दिया पर आँखों में नहीं शर्म है
बस एक ही रट है
मुझे और चाहिए, मुझे और चाहिए
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thnx for this..