किसी से कदम मिलाने की चाह में
लिख रहा हूँ कुछ पंक्तियाँ,
जीवन को व्यथा सुनाने की चाह में
लिख रहा हूँ कुछ पंक्तियाँ,
कैसे चीरू इस फौलादी झूठ को,
कैसे लडू इस कड़वे सच से॥
इस सबसे सामना करने की,
ढूँढ रहा हूँ कुछ युक्तियाँ॥
सार्थक हो जाए जीवन
लिख रहा हू कुछ पंक्तियाँ .....
लिख रहा हूँ कुछ पंक्तियाँ,
जीवन को व्यथा सुनाने की चाह में
लिख रहा हूँ कुछ पंक्तियाँ,
कैसे चीरू इस फौलादी झूठ को,
कैसे लडू इस कड़वे सच से॥
इस सबसे सामना करने की,
ढूँढ रहा हूँ कुछ युक्तियाँ॥
सार्थक हो जाए जीवन
लिख रहा हू कुछ पंक्तियाँ .....
wawawawawawa kya panktiyan hai...
ReplyDeletekya likhte hain aap ..
man gaye aap ko...
ek dam dil se awaj aa rahi hai in panktiyon main...
dil ko touch kar gayi.....